Monday, 20 May 2019

How do payment gateways work technically?

1. Payment Gateway Process How do payment gateways work technically?
2. e-Commerce Transaction
3. Online Payment Process
4. Payment Gateway Process
5. A payment gateway is a merchant service provided by an e-commerce application service provider that authorizes credit card or direct payments processing for e-businesses, online retailers, bricks and clicks, or traditional brick and mortar. The payment gateway may be provided by a bank to its customers but can be provided by a specialized financial service provider as a separate service such as a payment service provider. A payment gateway facilitates a payment transaction by the transfer of information between a payment portal and the front end processor or acquiring bank.
6. A Payment Gateway is a middle-man that securely takes money from your customers and sends it to your bank account. Payment Gateway is a processor that helps in authenticating and authorizing transactions between your customer and your bank. The payment gateway process starts with a customer placing an order from a payment gateway-enabled seller/merchant.
7. e-Commerce/Online Shopping
8. e-Commerce/Online Shopping
9. When a customer orders a product from a payment gateway-enabled merchant, the payment gateway performs a variety of tasks to process the transaction:
• Buyer selects the product, clicks on BUY Button initiating the payment from the merchant's website where user info is collected
• This info is sent to the payment gateway / payment aggregator
• Payment aggregator collects card info in a secure server and passes this through its Acquiring Bank (Payment aggregator's bank) to the Card networks like VISA, MasterCard
• The Card Network checks with the Issuing bank (Customer Bank) whether the transaction can be authenticated or not.
10. POS Transaction
11. Debit/Credit Card Transaction
12. If everything is correct here, consumer a/c or card is debited by the Issuing bank:
• Issuer bank sends confirmation to the card network
• This is further notified to the acquiring bank and then to the payment aggregator
• Payment aggregator now send a confirmation to the Merchant, who further informs the consumer
• The consumer also gets notified by his bank (issuing bank) about the transaction
13. shashidharkumar.in


How do payment gateways work technically? https://youtu.be/Ev2ZdQJPqAc Payment Gateway Process #PaymentGateway

Indian Democracy or Indian Election 2019

Democracyभारत पर्व मतलब भारतीय लोकसभा चुनाव मे अगले पांच साल कौन सरकार भारत से जुड़े मुद्दों को दशा और दिशा दिखाएगी यह आने वाले 23 मई को पता चल जाएगा।

भारतवासियों ने अच्छे से वोट कर यह बता दिया कि यह उनकी सरकार होगी। भले हो सकता है लोग नतीजे आने के बाद EVM, चुनाव आयोग, बेमतलब के मुद्दे, पुरानी सरकारों के मुद्दे, हिन्दू मुस्लिम इत्यादि जिनका आम जनों के जेहन में कही कही तक नही रहा। उनके दिमाग मे अगर कोई मुद्दा रहा तो उनके जीवन मे क्या बदलाव हुआ, उनके आस पास क्या बदलाव हुए, उनके लिए भविष्य में कौन अच्छा काम करेगा, कौन विकाष करेगा, कौन स्वार्थ सिद्धि को बढ़ावा देगा यही कुछ मुद्दे उनके दिमाग मे रहे और इसी बात पर लोगो ने वोट भी किया।

चाहे सरकार जिसकी बने एक बात तो तय है विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की बार फिर से जीत होगी। फिर चाहे विभिन्न तरह के पत्रकारों ने चाहे वे प्रिंट से हो या डिजिटल से या टीवी से हो, सभी ने अपने अपने पक्ष को दिखाया भी, सुनाया भी और पढ़ाया भी भले उनको लगता हो वे निष्पक्षता से मुद्दों को पक्ष बनाया है लेकिन इस बार जो भी थोड़े जागरूक रहे जिन्होंने इन पत्रकारों और एंकरों को सुना है देखा है उनको पता है वे किस पक्ष के निष्पक्ष पत्रकार रहे है और है भी। कुछ पत्रकारों को जब इंटरव्यू विलंब से मिला तो उन्होंने यह कहकर खिंचाई की उन्होंने मुश्किल सवाल नही किये लेकिन जब अपनी बारी आई तो उनका भी वही हुआ जैसा बांकियों का हुआ। तो अब वो जमाना नही रहा कि आप कोई बात अपने सुविधानुसार कहकर छुप जाएंगे, आपकी कही हर वह बात जिनके बारे में लोगो को लगता है आप बाद में मुकर जाएंगे, वे स्क्रीनशॉट हो या कैप्चर कर किसी ना किसी तरीके से रखकर आपके दोहरे रवैए को लोगो के सामने लाकर आपको शर्मिन्दा करेंगे लेकिन कुछ ऐसे लोग है जो अपने सुविधानुसार समय और किसके लिए काम कर रहे है वे अपना पक्ष निष्पक्षता से रखने का ढोंग करते है।

भारतीय लोकतंत्र में भारी मत से लोगो का इस पर्व में शामिल होना इसकी मजबूती को दर्शाता है और समय के साथ साथ इसमे लोगो की आस्था भी बढ़ी है। क्योंकि पहले कुछ लोग राजनीति को गंदा कहते थे लेकिन उसको कुछ हद तक अब कुछ अच्छे और नौजवान लोगो के आने राजनीति के प्रति लोगो मे जागरूकता के साथ इस सोच में भी बदलाव आयी है। भारत को अपने अपने क्षेत्र में से प्रसिद्धि दिलाने वाले प्रसिद्ध लोगो का अलग अलग पार्टी के साथ सक्रिय चुनाव में भागीदारी से हमारे लोकतंत्र को मजबूती मिली है।

इस सफलता के लिये चुनाव आयोग को साधुवाद लेकिन कुछ पहलू है जिसपर अभी भी चुनाव आयोग को ध्यान देने की आवश्यकता है जैसे:
१) वोट प्रतिशत कैसे बढ़े?
२) अच्छे उम्मीदवारों को तरजीह देने के उपाय?
३) चुनावी खर्चो पर कैसे लगाम लगे?
४) क्या चुनाव लड़ने के अधिकतम उम्र पर किसी तरह की पाबंदी लगाई जा सकती है?
५) क्या एक उम्मीदवार को दो अलग अलग जगह से लड़ने पर प्रतिबंधित किया जा सकता है?
६) क्या कही से भी अपने क्षेत्र के उम्मीदवार को वोट डालने की कोई प्रक्रिया शुरू की जा सकती है?
७) क्या वोटर कार्ड को आधार के साथ लिंक कर इसके दुरुपयोग को रोका जा सकता है?
८) क्या विधान सभा और लोक सभा का चुनाव एक साथ हो सकता है?
९) क्या वोटर को पोर्टेबिलिटी का ऑप्शन दिया जा सकता है जब चाहे जहाँ वे रह रहे है अपना वोट ट्रांसफर करा सके?
१०) क्या कोई अपने परिवार के किसी सदस्य को अपने वोट के लिए अधिकृत कर सकता है?

#लोकतंत्र #भारत_पर्व #लोकसभा_चुनाव

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