Thursday, 27 September 2018

Clean logs files database Magento

Clean logs files database Magento

How to clean logs files database magento?

Magento is an e-commerce platform which is most secure e-commerce open-source platform. So it has lot of security implementation into files or database as well. That's why it always produces of lot of temporary date in files as well as into database. After some time you can see that your website as well as your database is getting heavy on daily basis. So it affects the performance of tasks and processing of store. To keep the store clear and healthy we must schedule a regular cleaning of our magento store.  

Cleaning logs need to be done as per below steps:
  1. Clearing file logs in magento file directory. Following are the list of directories which contains log data. So we need to remove files inside the directories of below to clear logs.
    1. downloader/.cache/
    2. var/cache/
    3. var/locks/
    4. var/log/
    5. var/report/
    6. var/session/
    7. var/tmp/
  2. Clearing magento database logs. We need to truncate below listed tables to clear database logs from magento set of database:
    1. core_cache
    2. core_cache_tag
    3. core_session
    4. dataflow_batch_export
    5. dataflow_batch_import
    6. log_customer
    7. log_quote
    8. log_summary
    9. log_summary_type
    10. log_url
    11. log_url_info
    12. log_visitor
    13. log_visitor_info
    14. log_visitor_online
    15. index_event
    16. index_process_event
    17. report_event
    18. report_viewed_product_index
    19. report_compared_product_index
Nature of open-source Platform
Due to the nature of free and open-source software and the ubiquity of its components, each and every component of the Magento stack is very well tested regarding performance and security and there is an abundance of experienced contractors to do the tailoring respectively the system administration. There is also a constant development going on.

Payment Gateway with Magento
A payment gateway is an e-commerce application service provider service that authorizes credit card payments for e-businesses, online retailers, bricks and clicks, or traditional brick and mortar. It is the equivalent of a physical point of sale terminal located in most retail outlets. Payment gateways protect credit card details by encrypting sensitive information, such as credit card numbers, to ensure that information is passed securely between the customer and the merchant and also between merchant and the payment processor. A payment gateway facilitates the transfer of information between a payment portal (such as a website, mobile phone or interactive voice response service) and the Front End Processor or acquiring bank.

Copied URL: https://www.shashidharkumar.com/clean-logs-files-database-magento/

Saturday, 8 September 2018

सोशल मीडिया का मकरजाल

जिंदगी कितनी खुबसूरत होती है, जब आप किसी राजनैतिक पार्टी की ना तो तरफदारी करते है, ना ही विरोध करते है। खासकर तब जब आप ना तो कोई टीवी डिबेट देखते है और ना ही सोशल मीडिया पर दोस्तों का टाइमलाइन देखते है। और तो और किसी भी पेपर को पढने के बाद उसकी किसी बात को दिल पे ना लेते हुए उसको एक जानकारी का साधन समझते हुए पढ़ जाते है। किसी नेता को फॉलो करने के बाद भी उसके किसी बात पर कोई टिपण्णी नहीं करते है तो वाकई में लगता है जिंदगी कितनी खुबसूरत है। अपने में मग्न, क्या करना है और क्यों करना है ऐसी बातो पर बहस। जब ना तो सरकारे बदलती है ना सरकारों के काम करने का तरिका तो क्यों ना चुपचाप अपनी जिंदगी को बेहतर तरीके से जीने की कोशिश की जाए।
क्यों ना किसी गरीब की किसी प्रकार से सहायता के बारे में सोचना चाहिए। सरकारे आती जाती रहती है उसके काम करने का तरीका नहीं बदलता है, क्योंकि उनके रिसोर्स तो वही रहते है तो कैसे कोई सरकार बदल जाए कोई घोटाले करने में मस्त है फिर भी हम बुद्धिजीवी बने अपने शब्दों के जाल में एक आम आदमी को भटकाए रहते है। उसने तुम्हारे लिए क्या किया था/है हमने तो तुम्हारे लिए ये किया था/है सरकारे बदलती है सोच तो बदलती नहीं क्योंकि सोच तो वही है जिसको हम नौकरशाह कहते है। बुद्धिजीवी वही है जो कल भी वही थे आज भी वही है बस उनके शब्दों का जाल थोडा सीधा/उल्टा हो गया है।

यही एक भ्रमजाल है जिसके अन्दर हमें एक ऐसे चक्रव्यूह में डाल दिया जाता है। जिसके अन्दर हम अभिमन्यु की तरह लड़ते लड़ते आखिर में अपना दम तोड़ देते है और डालने वाले कौन होते है यही चंद राजनेता, यही चंद बुद्धिजीवी तथा यही चंद नौकरशाह नामक दुर्योधन, कृपाचार्य और कर्ण नाम के योधाओ के मध्य अभिमन्यु की तरह मारे जाते है। जिसे यह भान/खुशफहमी होता है की वह यह जाल तो तोड़ ही देगा और इसी भ्रम में इनके चक्रव्यूह में एक बार घुस गए तो हम भी उसी अभिमन्यु की तरह आखिरकार वीरगति को प्राप्त हो जाते है। और हमारी वीरगति के बाद हमें ऐसे दफनाया/जलाया जाता है जैसे हमने कोई ऐसा काम किया है जिसको आजतक किसी ने नहीं किया है। लेकिन वही जब यह युद्ध ख़त्म होता है तो हमारे बारे में किसी को पता तक नहीं होता है। आखिरकार कौन बचता है वही नौकरशाह नमक कृपाचार्य, नेता नमक दुर्योधन तथा बुद्धिजीवी नामक कर्ण के पुतले लगते है और इन्ही की किताब छपती है जिससे ये पैसे भी कमाते है और बाद में शौर्य पुरष्कार या कोई नागरिक पुरस्कार देकर इनको इतिहास में नाम दे दिया जाता है।

बेहतर है अपने में खुश रहिये अपने आस पास देखिये सबको खुश तो नहीं किया जा सकता है लेकिन सबके साथ खुश जरुर रहा जा सकता है।
धन्यवाद

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